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7 Dec 2018 · 1 min read

गीत गुनगुनाएंगे

आप अपना जो हमे बनाएंगे
आपके ही गीत गुनगुनाएंगे

बेरूखी यूं ना तुम जताओ
तुमसे दूर हम ना रह पाएंगे

प्यार मे इतना तो हक देदो सनम
कुछ तो हम भी तुमहे सताएंगे

गर कभी रूठ भी गये तो सनम
तुमको फिर प्यार से मनाएंगे

प्यार मोहन से है अगर सच्चा
फिर दुसरी राह क्यू हम जाएंगे

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