गीत- कभी हँसकर कभी रोकर…
गीत- कभी हँसकर कभी रोकर…
कभी हँसकर कभी रोकर सभी का वक़्त बीतेगा।
कभी पाकर कभी खोकर सभी का वक़्त बीतेगा।।
निराशा से ज़रा हँसकर मिलो खुलकर हराओ तुम।
बनो ऐसे कि आँखों से सदा काजल चुराओ तुम।
कभी मिलकर ज़ुदा होकर सभी का वक़्त बीतेगा।
कभी पाकर कभी खोकर सभी का वक़्त बीतेगा।।
फ़िदा होना ज़ुदा होना यही सच है ज़माने का।
मिला क़िस्मत लिखा सबको न सोचो तुम भुलाने का।
कभी छूकर कभी हटकर सभी का वक़्त बीतेगा।
कभी पाकर कभी खोकर सभी का वक़्त बीतेगा।।
करो अच्छा कहो सच्चा बनो बच्चा हमेशा ही।
मिलेगा प्यार चाहत सब रखो इच्छा हमेशा ही।
कभी पीकर कभी खाकर सभी का वक़्त बीतेगा।
कभी पाकर कभी खोकर सभी का वक़्त बीतेगा।।
आर. एस. ‘प्रीतम’