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30 Apr 2024 · 1 min read

गालगागा गालगागा गालगागा

कृष्ण को राधा बनाना चाहती हूँ।
पीर राधा की जताना चाहती हूँ।
बूँद को सावन बना ‘नीलम’ दृगों से,
सीप में माणिक उगाना चाहती हूँ।
नीलम शर्मा ✍️

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