गालगागा गालगागा गालगागा
कृष्ण को राधा बनाना चाहती हूँ।
पीर राधा की जताना चाहती हूँ।
बूँद को सावन बना ‘नीलम’ दृगों से,
सीप में माणिक उगाना चाहती हूँ।
नीलम शर्मा ✍️
कृष्ण को राधा बनाना चाहती हूँ।
पीर राधा की जताना चाहती हूँ।
बूँद को सावन बना ‘नीलम’ दृगों से,
सीप में माणिक उगाना चाहती हूँ।
नीलम शर्मा ✍️