“गारा”
“गारा”
महसूस करके देखना
अदृश्य मगर हर जगह है
सबको जोड़ने वाला
कोई न कोई गारा,
समाज हों, घर-परिवार हों
चाहे कोई सरकार हों
बगैर गारे का
कहीं होता नहीं गुजारा।
“गारा”
महसूस करके देखना
अदृश्य मगर हर जगह है
सबको जोड़ने वाला
कोई न कोई गारा,
समाज हों, घर-परिवार हों
चाहे कोई सरकार हों
बगैर गारे का
कहीं होता नहीं गुजारा।