*गाथा बिहार की*
गाथा बिहार की
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लुट रहे हैं लाख लुटेरे
खड़ा है फिर भी ताने सीना,
यहां की मिट्टी निर्मल चंदन
उगले हीरा-मोती, सोना।
उत्तर-पूर्वी भाग मे स्थित
ऐतिहासिक प्रथम गणराज्य,
जहां संस्कृति शिक्षा,व्रत-त्योहार
तुझको शत-शत नमन बिहार।
सतयुग,त्रेता, द्वापर,कलयुग
सबमे वर्णित तेरी गाथा,
तेरे सम्मान में श्रद्धा से
झुका है ऋषि-मुनियों का माथा।
महाकाव्यों में वर्णन तेरा
मगध, मिथिला और अंग
धर्म-ग्रंथों में शामिल तेरा शार
तुझको शत-शत नमन बिहार।
उत्तर में विराट हिमालय,
दक्षिण खनिज भंडार
पश्चिम से पुरब को धोती
निर्मल गंगा की कल-कल धार।
वाल्मीकि का पूज्य रामायण,
सम्राट अशोक की धर्मध्वजा
त्रिमोहिनी संगम नित्य करे तेरा शृँगार
तुझको शत-शत नमन बिहार।
ब्रह्मगुप्त का विशिष्ट ज्ञान
अपना शून्य मिला कर जिसनें
दिया विश्व को नई पहचान।
उसे विकसीत कर आर्यभट्ट ने
नाप दिया धरती-अंबर को।
ले कर तेरा अक्षत,चंदन
नित्य करे वंदन संसार
तुझको शत-शत नमन बिहार।
वैशाली का लोकतंत्र महावीर का शांतिमंत्र
नालंदा का ज्ञानपुंज महात्मा बुद्ध का बोधिसत्व
गुरूगोविंद की अमृत वाणी
शेरशाह, वीर कुंवर सिंह बलिदानी
तेरा गौरव अपूर्व अगाथा,
सत्य,अहिंसा और धर्म का उन्नायक
विश्व करे तुझ पर ऐतवार
तुझको शत-शत नमन बिहार।
जब-जब अवसर पाया तुने
अद्भुत इतिहास रचाया,
भारत ही नहीं, धरती से अंबर तक
अपना परचम लहराया।
तू बापू की कर्मभूमि
बाबू राजेन्द्र की जन्मभूमि
जड़े नगीने अनंत अपार
तुझको शत-शत नमन बिहार।
तू धरती का अभ्यारण्य
हस्तकला तू शिल्पकला,
तू दिनकर तू बिस्मिल्ला
भारत की आँखों का अंजन।
तेरी मिट्टी के कण-कण में
त्याग,तपस्या,दया का अंकन
विश्व प्रसिद्ध गायन सत्कार
तुझको शत-शत नमन बिहार।
इस धरती को ध्यान से देखो !
पुरखों की परछायी दिखाई देती है,
कान लगाव तो धड़कन से आह सुनाई देती है!
शृंगालों की आवाजें कब शंखनाद बन गूंजेंगी?
कब जागेंगे पुत-सपूत लौटेगा खोया आत्मसम्मान ?
आस भरी आँखें कहती ‘आबाद रहे खुशहाल बने’
भारत माता के गले का हार
तुझको शत-शत नमन बिहार।
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स्वरचित
*मुक्ता रश्मि * मुजफ्फरपुर, बिहार
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