‘गाजर’ (मनहरण घनाक्षरी)
शीत ऋतु जब जागी,
उगे है गाजर भाजी,
लाकरके ताजी-ताजी,
खूब रोज खाइए।
धोए थोड़ा छीलकर,
फिर इसे घिसकर,
दूध संग पकाकर,
हलवा बनाइए।
फूल गोभी बंद गोभी,
मटर या आलू जो भी,
मिलाकर गाजर को ,
भाजी को सजाइए।
गाजर को पीसकर,
उसको निचोड़कर,
मीठे – मीठे रस को,
तुरंत पी जाइए।।1
संग मूली टमाटर,
काटकर चुकंदर,
गाजर भी डालकर,
सलाद बनाइए।
बढ़ जाए रुधिर भी,
सुधरेगी नजर भी,
तन और बदन में,
ताजगी को पाइए।
गाजर को काटकर,
थोड़ा पानी डालकर,
पिसी राई मिलाकर,
काँजी को बनाइए।
सेवन से नाना रूप,
छवि लगती अनूप,
गाजर जरूर सब,
खाइए खिलाइए।।2
गोदाम्बरी नेगी