Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2018 · 1 min read

#ग़ज़ल-42

# ग़ज़ल#
वज़्न 212-212-212-212
आज फिर याद आई मुझे गाँव की
प्यार के मेल की खेल के ठाँव की/1

यार मिलते गले चार पीपल तले
मौज मस्ती हँसी छोड़ते दाँव की/2

दूर थे वैर के भाव से एक हम
प्यार ही दौड़ थी हर उठे पाँव की/3

मान माँ-बाप का शान खुद की लिए
माँगते थे दुवा प्रीत की छाँव की/4

जो मिला राम का नाम लेकर चले
बोल कोयल बने ना कभी काँव की/5

देखके ये शहर गाँव जँचता हमें
प्रीत प्रीतम नहीं है यहाँ भाव की/6

आर.एस.”प्रीतम”

1 Like · 368 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
*केले खाता बंदर (बाल कविता)*
*केले खाता बंदर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
🔥वक्त🔥
🔥वक्त🔥
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
माता रानी दर्श का
माता रानी दर्श का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
कह दें तारों से तू भी अपने दिल की बात,
कह दें तारों से तू भी अपने दिल की बात,
manjula chauhan
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे नाथ कहो
हे नाथ कहो
Dr.Pratibha Prakash
सुना है हमने दुनिया एक मेला है
सुना है हमने दुनिया एक मेला है
VINOD CHAUHAN
गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
शेखर सिंह
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जो गुज़र गया
जो गुज़र गया
Dr fauzia Naseem shad
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
Sonu sugandh
चौकड़िया छंद के प्रमुख नियम
चौकड़िया छंद के प्रमुख नियम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
Arvind trivedi
हेेे जो मेरे पास
हेेे जो मेरे पास
Swami Ganganiya
ଆପଣ କିଏ??
ଆପଣ କିଏ??
Otteri Selvakumar
हॉं और ना
हॉं और ना
Dr. Kishan tandon kranti
अहिल्या
अहिल्या
Dr.Priya Soni Khare
मिष्ठी का प्यारा आम
मिष्ठी का प्यारा आम
Manu Vashistha
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
समय से पहले
समय से पहले
अंजनीत निज्जर
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
नारी शक्ति
नारी शक्ति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-543💐
💐प्रेम कौतुक-543💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मां की शरण
मां की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
मन में संदिग्ध हो
मन में संदिग्ध हो
Rituraj shivem verma
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया*
*बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया*
sudhir kumar
Loading...