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19 Jan 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

सुनाओ प्यार की सरग़म हमें भी चैन आ जाए
खिला ग़ुल चूमकर जैसे हवाओ में नशा छाए/1

हवाएँ ज़ुल्फ़ सहलाकर जगाती नींद से जैसे
तुम्हारा दिल मिरे दिल को कभी ऐसे तो सहलाए/2

किसी का दर्द समझे जो वही इंसान होता है
कहूँ शैतान उसको जो किसी को चोट पहुँचाए/3

तुम्हारा ज़ीस्त हो ऐसा मिसालों में बयां हो जो
हँसी की बात पर जैसे कमल की याद हो आए/4

बलाएँ हार जाती हैं अगर साहस लिए चलते
नदारद शूल जैसे फूल कोई जब भी मुस्काए/5

मिटाओ भेद मन का तुम मिटाओ प्यार मत प्यारे
मुहब्बत से बग़ावत हार कर यार शरमाए/6

मेरा ‘प्रीतम’ हँसाता दिल चुराता ग़म हँसाकर हर
अदा ऐसी दुवा मेरी हमेशा ही तुझे भाए/7

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 167 Views
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