ग़ज़ल
चांद सितारे बादल प्यारे शाम सवेरा एक तरफ।
सारी दुनिया एक तरफ है उसका चेहरा एक तरफ।
मुझ से अगर वह रूठ भी जाए तब भी प्यारी लगती है।
प्यार से उसका माथा चूमूं,उसका झगड़ा एक तरफ।
जिस पर उसने उंगली रख दी उसको उसने अनमोल किया।
उसके निगाहों की है कीमत सस्ता महंगा एक तरफ।
सारी दुनिया कुछ भी बोले लगता शोर शराबा है।
सब की बातें एक तरफ है उसको सुनना एक तरफ
जख्मों पर मरहम की जरूरत दर्द का दरमा लाजिम है।
सारी दवाएं एक तरफ है तेरा छूना एक तरफ।
सब ने सारी दुनिया मांगी मैंने बस उसको मांगा।
सबका सपना एक तरफ “सगीर” का सपना एक तरफ.