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11 Jun 2023 · 1 min read

ग़ज़ल

लगता रहा है हमेशा तुम हमारे पास हो
तुम्हें लगता हो न बेशक तुम हमारी आस हो।

पूर्व से आता है सूरज तुम दिखाई देते हमें
खिल उठता है मन ज्यों रोशनी की प्यास हो।

चांद-तारों में चमकते, फूलों में महकते बहुत
और कभी आंसू कणों में भासते तुम खास हो।

यह भी होता है कभी तुम दिखाई देते नहीं
देह हो जाती दुर्बल ज्यों जिंदगी का त्रास हो।

कायनात की हर गली में तुम मुस्काते हो बहुत
ओस के मोती चमकते जमीं पर जब घास हो।।

Language: Hindi
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