Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2023 · 1 min read

ग़ज़ल

तेरी यादें संभाल रक्खा हूं
दर्द दिल में ही पाल रक्खा हूं

ज़िंदगी बिन तेरे अधूरी है
ख़ुद को ख़तरे में डाल रक्खा हूं

जैसे चाहो मेरी परीक्षा लो
रूह अपनी निकाल रक्खा हूं

मेरे अंदर भी मैं नहीं तुम हो
यूं तुम्हें ख़ुद में ढाल रक्खा हूं

बंद रस्ते हज़ार हो जाए
एक रस्ता “नेहाल” रक्खा हूं

– संदीप गांधी नेहाल

287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी याद आती है
तेरी याद आती है
Akash Yadav
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
Dr. Vaishali Verma
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
4034.💐 *पूर्णिका* 💐
4034.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
Neelofar Khan
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
Ravi Prakash
गीतासार 📕
गीतासार 📕
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
" वाई फाई में बसी सबकी जान "
Dr Meenu Poonia
अद्वितीय प्रकृति
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
भाग्य
भाग्य
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
स्पर्श
स्पर्श
Ajay Mishra
आइये हम ये विचार करें
आइये हम ये विचार करें
Dr.Pratibha Prakash
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
surenderpal vaidya
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
Sonam Puneet Dubey
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
gurudeenverma198
..
..
*प्रणय प्रभात*
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
"आशा की नदी"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ का प्यार है अनमोल
माँ का प्यार है अनमोल
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
डॉक्टर रागिनी
समय के हाथ पर ...
समय के हाथ पर ...
sushil sarna
मेरा हाथ
मेरा हाथ
Dr.Priya Soni Khare
“परिंदे की अभिलाषा”
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
Beautiful Lines
Beautiful Lines
पूर्वार्थ
Loading...