ग़ज़ल
ख़ामोशी इक रात मुहब्बत
तेरी हर इक बात मुहब्बत
तेरा मिलना और बिछड़ना
दोनों के हालात मुहब्बत
हँसना, रोना , खाना , पीना
होता जो इक साथ मुहब्बत
हँसना मुझको भिगों के तेरा
बिन मौसम बरसात मुहब्बत
नीद से सौदा करना तेरा
ख्वाबों से मुलाकात मुहब्बत
हर आहट दरवाजा तकना
नजरों की जज़्बात मुहब्बत
‘महज़’ मुझे नज़रों में देना
अश्कों की सौगात मुहब्बत