ग़ज़ल
देख रहा है ज़ालिम हमको हम क्या करने वाले हैं।
हम सीने से तलवारों पर हमला करने वाले हैं।
ये न समझना तोपों से बंदूकों से डर जाएंगे।
तलवारों के साए में हम सजदा करने वाले हैं।
तुम कपड़ों से पहचानो इंसानों में इंसानों को।
हम यकसा आईन जहां में पैदा करने वाले हैं।
मां की ममता सच्ची है बस इस मतलब की दुनिया में।
बाकी सब रिश्ते नाते बस धोखा करने वाले हैं।
हम महकूमों से जीने की आज़ादी छीनेंगे वो।
फिर तन्हा वो लाशों का भी सौदा करने वाले हैं।
इक़बाल तन्हा