ग़ज़ल
कह रहे हैं कि कोई बात नहीं
कोरोना का कोई इलाज नहीं
महामरी तो फैलती हीं जाय रब
लोग बैठे घर में काम काज नहीं
हाथ धोवे रखें खूबसाफ़ सफाई
रहें घर पार्लर, पार्टी अब,आज नही
आया बड़ा बदलाव जीवन में
करें नमस्कार कोई लाज नहीं
सारे ओहदे फिके लगने लगे हैं
अब इस जीवन में नाज़ नहीं
कितने गुनाह हमसे हुए होंगे” नूरी”
कैसे कह दूं कि मुझमें दाग़ नहीं।
नूरफातिमा खातून ” नूरी”
२४/३/२०२०