ग़ज़ल : इन आँधियों के गाँव में तूफ़ान कौन है
इन आँधियों के गाँव में तूफ़ान कौन है
तू देख तो ये कौन है पहचान कौन है
ये किसके द्वार पे खड़ा ज़िंदा दरख़्त है
इन पत्थरों के शहर में इंसान कौन है
ये किस तरह का शोर है पिछले मकान में
इस वक़्त आधी रात परेशान कौन है
अब क्यूँ खड़ी हैं औरतें सूनी रसोई में
इन मुफ़्लिसों के घर में ये मेहमान कौन है
ये बारिशें जो खा गयीं उम्मीद-ओ-बातियाँ
इन बारिशों को देख के हैरान कौन है
लेकर ख़ुदा का नाम जो इक बे-क़ुसूर को
शैतान कह रहा है ये शैतान कौन है