“ग़ज़ब की ख्वाहिश”
“ग़ज़ब की ख्वाहिश”
ग़ज़ब की ख्वाहिश कि ईमान ढूँढ़ रहे,
सत्ता की कैद में जो जमाने से बन्दी है।
फूल डूबे चिन्ता में आखिर क्या होगा,
जमाने की नीयत दिखती पूरी गन्दी है।
“ग़ज़ब की ख्वाहिश”
ग़ज़ब की ख्वाहिश कि ईमान ढूँढ़ रहे,
सत्ता की कैद में जो जमाने से बन्दी है।
फूल डूबे चिन्ता में आखिर क्या होगा,
जमाने की नीयत दिखती पूरी गन्दी है।