Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

गले लोकतंत्र के नंगे

राजनीति में पार्टी
एक समुच्चय है आदमी का
लोकतंत्र के नाम पर
निहित स्वार्थों में अटता बंटता हित समूह
विकसनशील समाज की
कानों से देखने वाले और आंखों से सुनने वाले समाज की
मूल कमजोर नस पकड़
उसके अनुरूप एक पार्टी
अपने जन्म से लेकर आज तक
नंगा होकर चल रही है,
चल रही है बेशर्म होकर नंगा
बाकी पार्टियां
उसकी नंगई तले तबाह हैं!
आदमी समुच्चय में, समूह में बंधते हुए भी
आजन्म रह जाए नंगा
उसके असभ्य होने से अधिक यह
लोकतंत्र के गले पड़ने और
लोकतंत्र से गले होने की निशानी है!

Language: Hindi
25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
*राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)*
*राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)*
Ravi Prakash
आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे
आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे
Monika Arora
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
Ajay Kumar Vimal
अब मुझे महफिलों की,जरूरत नहीं रही
अब मुझे महफिलों की,जरूरत नहीं रही
पूर्वार्थ
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"गलत"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हें अकेले चलना होगा
तुम्हें अकेले चलना होगा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वागत है  इस नूतन का  यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
** बहाना ढूंढता है **
** बहाना ढूंढता है **
surenderpal vaidya
कान्हा मन किससे कहे, अपने ग़म की बात ।
कान्हा मन किससे कहे, अपने ग़म की बात ।
Suryakant Dwivedi
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
वजह ऐसी बन जाऊ
वजह ऐसी बन जाऊ
Basant Bhagawan Roy
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
वादा  प्रेम   का  करके ,  निभाते  रहे   हम।
वादा प्रेम का करके , निभाते रहे हम।
Anil chobisa
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी
कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
धारण कर सत् कोयल के गुण
धारण कर सत् कोयल के गुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Rashmi Sanjay
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
2316.पूर्णिका
2316.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
विश्वास
विश्वास
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
Wakt hi wakt ko batt  raha,
Wakt hi wakt ko batt raha,
Sakshi Tripathi
करवा चौथ@)
करवा चौथ@)
Vindhya Prakash Mishra
२०२३
२०२३
Neelam Sharma
Loading...