Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2018 · 1 min read

गर माँ नही जीवन नही

जिनसे मिला ये जिंदगी, जिनसे मिला हो हर खुशी
तकलीफ का एह्सास ना, होने दिया मुझे कभी
जो दुख संकट मे साथ हो, खुशिया दिलाने के लिये
एक माँ ही जो,भुखा भी, रह जाती है बेटा के लिये
अंगुली पकड कर आंगन मे, चलना सिखाती है वो माँ
बह्ता आंसु गर आंख से, आंचल से पोछ जाती वो माँ
‘गर माँ नही जीवन नही’ यु ही नही सर्वशक्तिशालीनी
माँ बिन अनाथ बच्चा जैसे बिन बगीचा मालिनी
विनती मेरी बस आपसे, मेरे शिर पे हाथ रख दीजिये
बेटा अधम हु आपका, आशिर्बाद मुझको दीजिये
हो साथ बस तेरा मुझे, जीवन हंसी रह जायेगी
माँ साथ तेरा छुटा तो, टुअर सदा कहलायेगी॥

कवि -बसंत भगवान राय

5 Likes · 19 Comments · 803 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Basant Bhagawan Roy
View all
You may also like:
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
दिकपाल छंदा धारित गीत
दिकपाल छंदा धारित गीत
Sushila joshi
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
Sunil Maheshwari
बादलों को आज आने दीजिए।
बादलों को आज आने दीजिए।
surenderpal vaidya
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
Pushpraj devhare
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
Neeraj Mishra " नीर "
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
अभिषेक किसनराव रेठे
नया साल
नया साल
Dr fauzia Naseem shad
3602.💐 *पूर्णिका* 💐
3602.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"आज का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
6
6
Davina Amar Thakral
नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज की नाव ही बचपन था ।
नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज की नाव ही बचपन था ।
Rituraj shivem verma
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
लड़के हमेशा खड़े रहे
लड़के हमेशा खड़े रहे
पूर्वार्थ
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
शून्य ....
शून्य ....
sushil sarna
🌸अनसुनी 🌸
🌸अनसुनी 🌸
Mahima shukla
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
Sonam Puneet Dubey
मन
मन
Sûrëkhâ
☺️भागवत-मंथन☺️
☺️भागवत-मंथन☺️
*प्रणय*
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
मां बेटी
मां बेटी
Neeraj Agarwal
Loading...