गर्मी बहुत पड़ी है तो जाड़े भी आएगें
गर्मी बहुत पड़ी है तो जाड़े भी आएगें
ये दिन अगर बुरे हैं तो अच्छे भी आएगें
सूरज निकल ही आता है हर शब के बाद तब
तुम भी यकीं करो कि उजाले भी आएगें
रूठे हैं अपनों से जो उन्हें भी ये आस है
इक दिन उन्हें मना लेने वाले भी आएगें
माँ बाप की सेवा जहाँ घर में अब हो रही
सुन लो उसी के घर में फरिश्ते भी आएगे
काटो नहीं हरे भरे पेड़ों को तुम कभी
शाखें रहीं तो फूल भी पत्ते भी आएगें
डा सुनीता सिंह ‘सुधा’
7/7/2024