गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
दर्दों ने इन लबों को हंसना सिखा दिया है।।1।।
जीने मरने की तुम अब कोई बात न करो।
हमने खुद ही कब्र का माकां बना लिया है।।2।।
खुशबुएं रागिनी ने घर को महका दिया है।
कुछ जुगनुओं ने रात को चमका दिया है।।3।।
मेरी भी गली में जैसे आज आई है बारात।
चांद की चांदनी को तारों ने सजा दिया है।।4।।
हर रिश्ते में आला और घर का उजाला है।
कोई न जहां में मां का कर्ज चुका सका है।।5।।
तू ही मरकज बना है हर नज़र का यहां।
तेरे वजूद ने महफ़िल को महका दिया है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ