गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो।
आज की ग़ज़ल
गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो ।
गलत में भी सही कुछ पाने की आदत डालो ।।
पुरानी आदतें रस्में रवायतें छोड़ो ।
समय के साथ बदल जाने के आदत डालो ।।
कसूर अपनों से अनजाने में जो हो जाये ।
क्या गलत है उसे समझाने की आदत डालो ।।
बहुत कुछ होता है जो दिल को नागवार लगे ।
वक़्त के साथ भूल जाने की आदत डालो ।।
उलझनें हैँ बहुत पर उनसे उलझने के बजाय ।
उसे सूकुन से सुलझाने की आदत डालो ।।
जो हुआ अच्छा हुआ आगे भी अच्छा होगा ।
नयी चीजों को भी अपनाने की आदत डालो ।।
पाँव कीचड़ में सने हों और कांटे भी हों ।
प्यार के गीत गुनगुनाने की आदत डालो ।।
प्यार बढ़ता है बेशुमार हमने देखा है ।
कभी कभार रूठ जाने की आदत डालो।।
अजनबी लोग जो मिल जाएं सफर में “कश्यप” ।
उन्हें भी अपना बना लेने की आदत डालो ।।