गणेश वंदना
गणेश वंदना
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गौरा तेरा लाड़ला वीर है गणेश।
माता है तू जिसकी,पिता है महेश।।
जीवन से दुखों का विनाश करते हैं।
विघ्नेशर सकल विघ्नों को हरते हैं।।
करते हैं गणपति मूषक की सवारी।
होती है जन-जन पर कृपा तुम्हारी।।
लड्डु और मोदक अति मन भावे।
मानुष नित्य नारियल भोग लगावे।।
हे!गजवंदन हे गणनायक।
भक्तों के प्रभु तुम हो कारक।।
ऋद्धि-सिद्धि के हें प्रिय स्वामी।
करो जगत में कृपा है अंतर्यामी।।
सुषमा सिंह *उर्मि,,