गणतंत्र पर्व
आज है आया अवसर पावन,
आजादी की गाथा गायें।
आहुति बन गए महायज्ञ में
उन वीरों को शीश झुकाएं।
सुखदेव,भगत, बालगंगाधर,
बोष, चन्द्र शेखर आजाद,
इनके बलिदानों के कारण,
देश हमारा है आबाद।
बिस्मिल संग अशफाक खान भी,
भारत माँ का दीवाना था।
निकल पड़ा केशरिया बांधे,
आजादी को पाना था।
जिनके कारण चमन हमारा,
बहु विहगों से चहका है।
अपने लहू से सींचा तो ये
गुलशन अपना महका है।
खुशी मनाए याद रहे पर,
ऋणी देश का तन व मन।
श्रद्धा सुमन समर्पित वीरों,
तुमको शत शत बार नमन।
उनके सर की कीमत पर है,
अपनी वसुधा बनी स्वतन्त्र।
हम भारत के लोग मनाते,
तब आजादी से गणतंत्र |
अगस्त पन्द्रह आजादी दिन,
छब्बीस जनवरी को गणतंत्र।
राष्ट्र पर्व ये सांझा अपना,
राष्ट्र भक्ति है इसका मन्त्र।
सतीश सृजन, लखनऊ.