गणतंत्र दिवस की बधाई !!
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
कहा जाता है,” हम सब एक हैं”।
कहा जाता है,” हम सब एक हैं”।
फिर उस खुदा तक जाने के क्यों रास्ते अनेक हैं ????
क्यों मंदिर ,क्यों मस्जिद, क्यों गिरजा, क्यों गुरुद्वारा
यदि सभी धर्मों का मकसद एक हैं ………
यदि! हम सब एक है तो सरहदे क्यों अनेक है ??
क्यों! कोरोना ने हम सब को डराया ?
क्यों! हम मनुष्यों का धर्म उससे समझ में नहीं आया ??
क्यों! उसने भी देश के राजनेताओं की तरह किसी एक पक्ष को अपना गुलाम नहीं बनाया।
कोरोना ने हम सब को “एक लकड़ी से हाँका “।
कोरोना ने हम सब को “एक लकड़ी से हाँका “।
धर्म की दीवारें खड़ी करने वाले भी°°°°
धर्म की दीवारें खड़ी करने वाले भी°°°°
उसका कर न सके” एक बाल भी बाँका”।
कब तक होती रहेगी……………
देश की सरहदों से सिपाहियों की विदाई ??
कब तक सूनी होती रहेगी………….. किसी सुहागन की कलाई ??
गुरुपूरब, होली, ईद, क्रिसमस मनाकर भी……………. यह यह बात किसी को समझ में नहीं आई।
क्यों होती है जंगे ??
क्यों झुकाए जाते हैं तिरंगे ??
इंसान को इंसानियत में क्यों दिखती नहीं दिखती सब की भलाई ।।
चलो जाने दो,
इस स्वतंत्र भारत में आप सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई।।