Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2022 · 1 min read

गज़ल

मुस्कान उसके मन की उलझन बता रही है ।
गम को समेटे भीतर खुशियां जता रही है ।।

कड़वाहटों के घूंट वो पी चुकी कुछ इतने ।
जो भी मिली तिक्तता सब सहती जा रही है ॥

न जाने कितनी उम्र सब तन्हाईयों में काटी ।
सन्नाटे भी बोलते है समझाये जा रही है ॥

जोड़े थे दर्द के हिसाब वक्त की पेशगी को ।
ये आंधियों की साजिश पन्ने उड़ा रही है ॥

संभाला वजूद उसने थी रेत की तपिश जब ।
फिर आज क्यों तुहिन पिघलाये जा रही है ?

2 Likes · 2 Comments · 355 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all
You may also like:
"मां के यादों की लहर"
Krishna Manshi
When nothing works in life, keep working.when everything see
When nothing works in life, keep working.when everything see
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कभी-कभी इंसान थोड़ा मख़मूर हो जाता है!
कभी-कभी इंसान थोड़ा मख़मूर हो जाता है!
Ajit Kumar "Karn"
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सबके सुख में अपना भी सुकून है
सबके सुख में अपना भी सुकून है
Amaro
"झूठे लोग "
Yogendra Chaturwedi
जीने का हक़!
जीने का हक़!
कविता झा ‘गीत’
रात बसर की मैंने जिस जिस शहर में,
रात बसर की मैंने जिस जिस शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बचपन
बचपन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
रहस्य-दर्शन
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
पूछा किसी ने  इश्क में हासिल है क्या
पूछा किसी ने इश्क में हासिल है क्या
sushil sarna
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
🥀✍*अज्ञानी की*🥀
🥀✍*अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गूंजा बसंतीराग है
गूंजा बसंतीराग है
Anamika Tiwari 'annpurna '
स
*प्रणय प्रभात*
जहर    ना   इतना  घोलिए
जहर ना इतना घोलिए
Paras Nath Jha
3153.*पूर्णिका*
3153.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
कवि रमेशराज
*धरते मुरली होंठ पर, रचते मधु संसार (कुंडलिया)*
*धरते मुरली होंठ पर, रचते मधु संसार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" फोबिया "
Dr. Kishan tandon kranti
हमेशा दोस्त ही हैं जो हमारे साथ चलते हैं
हमेशा दोस्त ही हैं जो हमारे साथ चलते हैं
Dr Archana Gupta
लक्ष्य
लक्ष्य
Shashi Mahajan
*दर्शन शुल्क*
*दर्शन शुल्क*
Dhirendra Singh
माँ मेरी जादूगर थी,
माँ मेरी जादूगर थी,
Shweta Soni
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
*वोट हमें बनवाना है।*
*वोट हमें बनवाना है।*
Dushyant Kumar
Loading...