गजल
दिन बुरे हों, या हों अच्छे, वो ढल ही जाएंगे।
यकीन मानिए, इक दिन बदल ही जाएंगे।।
आत्मविश्वास में ताकत है गजब की यारो।
ठान लोगे तो ये पत्थर भी पिघल जाएंगे।।
बड़े होते हैं बेबफा ये अश्क आंखों से।
अगर निकले तो जहां में हंसी कराएंगे।।
कोई शिकवा न शिकायत करो जमाने से।
वक्त बदलेगा तो सब खुद ही बदल जाएंगे।।
साफ नीयत से अगर काम करोगे अपना।
बद से बदतर भी हों हालात, संभल जाएंगे।।
-विपिन कुमार शर्मा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मो-9719046900