Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2021 · 1 min read

गजल

शमा को छोड़कर अक्सर ये परवाने नहीं जाते
मिटा देते ये खुद को दिल को बहलाने नहीं जाते
बड़े खुद्दार हैं जीते हैं मरते हैं उसूलों पर
बुलाये बिन ये दीवाने नहीं जाते
अगर कुछ करना है कमबख्त तो मैदान में आ जा
जो रहते भीड़ में पीछे वो पहचाने नहीं जाते
प्यार मिल जाता उन्हें भरपूर अपनो का,
तनावों में नहीं रहते वो मयखाने नहीँ जाते!!

आभा सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश

4 Likes · 6 Comments · 388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
23/123.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/123.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सांस
सांस
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
-- लगन --
-- लगन --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
Manisha Manjari
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
लक्ष्मी सिंह
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अनुभूति
अनुभूति
Shweta Soni
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
सावन बीत गया
सावन बीत गया
Suryakant Dwivedi
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
manjula chauhan
मृत्यु पर विजय
मृत्यु पर विजय
Mukesh Kumar Sonkar
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दो शब्द सही
दो शब्द सही
Dr fauzia Naseem shad
भरोसा
भरोसा
Paras Nath Jha
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
Phool gufran
" कुछ काम करो "
DrLakshman Jha Parimal
■ कुत्ते की टेढ़ी पूंछ को सीधा  करने की कोशिश मात्र समय व श्र
■ कुत्ते की टेढ़ी पूंछ को सीधा करने की कोशिश मात्र समय व श्र
*Author प्रणय प्रभात*
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*वक्त की दहलीज*
*वक्त की दहलीज*
Harminder Kaur
जनसंख्या है भार, देश हो विकसित कैसे(कुन्डलिया)
जनसंख्या है भार, देश हो विकसित कैसे(कुन्डलिया)
Ravi Prakash
सौतियाडाह
सौतियाडाह
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
लम्हों की तितलियाँ
लम्हों की तितलियाँ
Karishma Shah
वफादारी का ईनाम
वफादारी का ईनाम
Shekhar Chandra Mitra
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
"निरक्षर-भारती"
Prabhudayal Raniwal
काश कि ऐसा होता....
काश कि ऐसा होता....
Ajay Kumar Mallah
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...