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6 May 2021 · 1 min read

// ख्वाहिशें //

पूछा जो मैने एक दिन खुदा से,
अंदर मेरे यह कैसा शोर है,
हंसा मुझ पर…..फिर बोला,
चाहते तेरी कुछ और थी,
पर रास्ता तेरा कुछ और है।।
रूह को संभालना था तुझे,
पर सूरत संवारने पर तेरा ज़ोर है।।
खुला आसमां, चांद, तारे चाहत है तेरी,
पर बंद दीवारों को सजाने पर तेरा ज़ोर है।।
सपने देखता है खुली फिजाओं के,
पर बड़े शहरों में बसने की कोशिश पुरज़ोर है।।।।

Language: Hindi
4 Likes · 296 Views
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