Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2024 · 1 min read

“ख्वाबों के राग”

“ख्वाबों के राग”
आँखों में आती बरसात रह-रह कर,
रोज कई-कई सावन झेले हैं,
जख्म-ए-दिल की खुशबुएँ बिखरी है
हर ख्वाबों के राग सुरीले हैं।

3 Likes · 3 Comments · 120 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

मिटते गांव
मिटते गांव
Sanjay ' शून्य'
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
Kumud Srivastava
- सफलता -
- सफलता -
bharat gehlot
Colours Of Life
Colours Of Life
Dr Archana Gupta
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
तू है जगतजननी माँ दुर्गा
तू है जगतजननी माँ दुर्गा
gurudeenverma198
*जो कहता है कहने दो*
*जो कहता है कहने दो*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
यादेँ
यादेँ
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
जीनी है अगर जिन्दगी
जीनी है अगर जिन्दगी
Mangilal 713
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
रिश्तो से जितना उलझोगे
रिश्तो से जितना उलझोगे
Harminder Kaur
गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने।
गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने।
पंकज परिंदा
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
पंकज कुमार कर्ण
उसकी फितरत थी दगा देने की।
उसकी फितरत थी दगा देने की।
Ashwini sharma
तन्हा
तन्हा
Kanchan Advaita
Mother's passion
Mother's passion
Shyam Sundar Subramanian
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
अवध किशोर 'अवधू'
4316.💐 *पूर्णिका* 💐
4316.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कहने को तो सब है अपने ,
कहने को तो सब है अपने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
Neelofar Khan
अबोध जुबान
अबोध जुबान
Mandar Gangal
प्रश्न चिन्ह
प्रश्न चिन्ह
श्रीहर्ष आचार्य
पानी ही पानी
पानी ही पानी
TARAN VERMA
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
.......रूठे अल्फाज...
.......रूठे अल्फाज...
Naushaba Suriya
ग़ज़ल : रोज़ी रोटी जैसी ये बकवास होगी बाद में
ग़ज़ल : रोज़ी रोटी जैसी ये बकवास होगी बाद में
Nakul Kumar
यही हाल आपके शहर का भी होगा। यक़ीनन।।
यही हाल आपके शहर का भी होगा। यक़ीनन।।
*प्रणय*
कदम मिलाकर चलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
Usha Gupta
Loading...