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20 Apr 2024 · 1 min read

“ख्वाबों के राग”

“ख्वाबों के राग”
आँखों में आती बरसात रह-रह कर,
रोज कई-कई सावन झेले हैं,
जख्म-ए-दिल की खुशबुएँ बिखरी है
हर ख्वाबों के राग सुरीले हैं।

3 Likes · 3 Comments · 101 Views
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