“ख्वाबों के राग”
“ख्वाबों के राग”
आँखों में आती बरसात रह-रह कर,
रोज कई-कई सावन झेले हैं,
जख्म-ए-दिल की खुशबुएँ बिखरी है
हर ख्वाबों के राग सुरीले हैं।
“ख्वाबों के राग”
आँखों में आती बरसात रह-रह कर,
रोज कई-कई सावन झेले हैं,
जख्म-ए-दिल की खुशबुएँ बिखरी है
हर ख्वाबों के राग सुरीले हैं।