ख्वाइशें जीने कहां देती है
ख्वाइशें जीने कहां देती है
गर बिछड़ना भी चाहो,तो मरने कहां देती है
उम्र कट जाती है,ख्वाइशों के बोझ तले
अधूरी ख्वाइशें सजा-ए-मौत सुना देती है
भूपेंद्र रावत
28।04।2020
ख्वाइशें जीने कहां देती है
गर बिछड़ना भी चाहो,तो मरने कहां देती है
उम्र कट जाती है,ख्वाइशों के बोझ तले
अधूरी ख्वाइशें सजा-ए-मौत सुना देती है
भूपेंद्र रावत
28।04।2020