खौफनाक मंजर
कितना खौफनाक हो गया है अफगानिस्तान
मस्जिद में मार डाले सौ सिया मुसलमान
खौफनाक खूनी खेल सिलसिला चला है
रोज नया मामला आम हो चला है
अदा कर रहे थे नवाज़,कर रहे थे अल्लाह का ध्यान
उड़ा दिया बिस्फोट से देते हुए अज़ान
क्या खौफनाक मंजर है अल्लाह के नाम पर
कट्टर पंथ बड़ रहा इस्लाम के नाम पर
गैर मुस्लिम, महिलाओं का जीना दुस्वार है
आतंकवाद जिहाद का कैंसा चढ़ा खुमार है
आदमी को आदमी मारता तलवार है
बीच चौराहे पर मारकर लटका रहा
हिंसा बर्बरता सरेआम फैला रहा
औरतों की पीठ पर कोड़े बरसा रहा
जन्नत के लिए नित पाप कर रहा है
तेरे पाप का घड़ा हर रोज भर रहा है
जन्नत तो छोड़ दे तू,दोजख नहीं झेलेगा
आखरियत में खुदा को क्या जवाब देगा?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी