खो गई लय
खो गई है लय मेरी कविताओं से भी
आँधियाँ कुछ जोर इतनी है चलीं।
रिहा होकर जिल्द से, उड़ गए पन्ने सभी
एहतियातन जो किताब थी कभी मन ने लिखी।
उसका हर एक हर्फ मेरी सांस का संगीत था
हर एक हर्फ – हर्फ से बुन रखा जीवन गीत था।
कहाँ से लाऊँ वो लय संगीत ही जब खो गया
क्या गाऊँ अब गीत जब हर हर्फ ओझल हो गया।