*खोया अपने आप में, करता खुद की खोज (कुंडलिया)*
खोया अपने आप में, करता खुद की खोज (कुंडलिया)
खोया अपने आप में, करता खुद की खोज
प्रातः धरना ध्यान का, नियम बनाता रोज
नियम बनाता रोज, गहन भीतर तक जाता
मोती असली मोक्ष, तत्व का वह ही पाता
कहते रवि कविराय, कलुष उस ही ने धोया
खुद पर कसी लगाम, संतुलन कभी न खोया
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451