खोजूं सत्य चरित्र
कृष्ण सुदामा सी कहां…. रही मित्रता आज !
कहाँ रहा किस मित्र का, मेरे दिल पर राज !!
मेरे दिल पर राज,मिला ना कोई ऐसा!
आ जाता है मध्य,आजकल शायद पैसा!
खोजूं सत्य चरित्र,………सुदामा बन कर दाता!
कलियुग मे भी मित्र, कृष्ण सा इक मिल जाता! !
रमेश शर्मा.