खुश रहना सीखो यारों
खुश रहना तुम सीखो यारों इस बेदर्द जमाने में।
छप जाओगे किरदार बनके कभी किसी अफ़साने में।
दुनिया पर न करो भरोसा इंसान बडा़ खुदग़र्ज यहाँ,
किसी को अपना नहीं समझना यहाँ कभी अंजाने में।
जिसका कोई नहीं है वो महफिलें सजाए रखता है,
जिसका पूरा कुनबा है वो भटक रहा वीराने में।
जिसके हर झूठ को मैंने पल भर में ही सच माना,
मेरी पूरी उमर बीत गयी उससे सच्चाई बताने में।