खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
अक़्लमंदों,चालाकों को उल्फत हो नहीं सकता
मुंह से भला बुरा कहती रहती है गुस्से में
मां को औलाद से कभी नफ़रत हो नहीं सकता
धरती भरी है जब तक दिनदार इन्सानों से
जमीन आसमानों पर क़यामत हो नहीं सकता
चालबाजों, दगाबाजों को पहचानना सीखिए
आस्तीन में सांप रखे सलामत हो नहीं सकता
आखिरी सांस तक ईमानदारी नही छोड़ा
दोनों जहां में कभी नदामत हो नहीं सकता
वो जुबां से ज़हर उगलते रहते हैं हरदम
सब्र की चादर ओढ़ो बग़ावत हो नहीं सकता
लाखों हजारों तकसीम करके सखी बनते हैं
इल्म बांटने से बड़ा सखावत हो नहीं सकता