“खुदा रूठे तो”
“खुदा रूठे तो”
खुदा रूठे तो कोई बात नहीं,
सनम रूठे कि सारे उसूल गए।
आँसुओं की कीमत रहा न कुछ,
लोग तमाम अपने वादे भूल गए।
“खुदा रूठे तो”
खुदा रूठे तो कोई बात नहीं,
सनम रूठे कि सारे उसूल गए।
आँसुओं की कीमत रहा न कुछ,
लोग तमाम अपने वादे भूल गए।