खुदा की चिट्ठी
मुझे लगता है बहुत जल्द,
एक सुहानी सुबह, आने वाली हैँ //
जूनून हैँ रोम-रोम मे..
मानो हर दर्द की दवा, आने वाली हैँ //
एक पैगाम खुदा ने, मेरे नाम भेजा हैँ..
उसमे लिखा उसने…
जितना दर्द दिया तुझे…..
अब पाई-पाई का हिसाब होने वाला हैँ //
अब पाई-पाई का हिसाब होने वाला हैँ //
:~कविराज श्रेयस सारीवान