“खाली हाथ”
“खाली हाथ”
महान स्वप्नद्रष्टा सिकन्दर अपने दोनों हाथ ताबूत से बाहर निकलवा दिए थे, ताकि दुनिया वाले यह देखें कि सिकन्दर खाली हाथ आया था और खाली हाथ चला गया। जो कमाया था, वह जहाँ का तहाँ धरा रह गया।
“खाली हाथ”
महान स्वप्नद्रष्टा सिकन्दर अपने दोनों हाथ ताबूत से बाहर निकलवा दिए थे, ताकि दुनिया वाले यह देखें कि सिकन्दर खाली हाथ आया था और खाली हाथ चला गया। जो कमाया था, वह जहाँ का तहाँ धरा रह गया।