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18 May 2024 · 1 min read

“खामोशी”

“खामोशी”
शोर भी होता
इन खामोशियों में
इक फरियाद भी
कुछ याद भी है
कुछ बात भी
जलती चिता भी है
जलते अरमान भी
रोती है दुनिया
बचता केवल राख ही।

1 Like · 1 Comment · 30 Views
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