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21 Jul 2020 · 1 min read

ख़्वाब या हकीक़त

कुछ अनुभूति है
इन ख़्वाबों की दुनिया में
कुछ हकीकत का फसाना है
बिसरी यादें पलकों पर है
और ना भूलने का बहाना है।

पलकें भारी सी है,कहीं
रातों के नज़ारे है,
कुछ बिम्ब धुंधला सा लगता
कही अंधकार सा काला है।

कभी चंचल मन में वेग नहीं
आक्रोश बना आवेग रहा
कहीं क्रूर वेदना भरा हुआ
ये हृदय बना कभी मोम सा।

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 264 Views
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