[ ख़ुद पर तुम विश्वास रखो ]
खुद ही खुद से तुम आश रखो
मंजिल मिलेगी तुम्हें विश्वास रखो
ना कभी तुम किसी कि बातों से डरना
डर के गर्दन पर हौसलें कि तलवार रखो
हाँ रोकना चाहेंगी रास्ता तुम्हारा बाधाएं हजार
खैर तुम बाधाओं को रोकने कि तरकिब लाख रखो
मंजिल कि ओर बढते रहों निरन्तर बिन भटके तुम कहीं
हर भटकाव को रास्ता दिखाने के लिए खुद को तैयार रखो
तेढ़े-मेढ़े हो हर रास्तें तुम्हारे मंजिल के चाहे कितने भी क्यूं
इन पर चलते हुए तुम अपनी नजर सीधें लक्ष्य के पार रखो