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29 Nov 2023 · 1 min read

बार बार अपमान

करे लेखनी देश का, बार बार अपमान ।
चलती हैं साहित्य की, ऐसी कई दुकान ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 197 Views
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