खबरदार होना चाहिए
कोई कितना ही दमदार हो
डरकर नहीं , हमेशा डटकर रहना चाहिए ।
सामने वाला कितना ही ओहदेदार हो
नजरें झुकाकर नहीं, सर उठाकर रहना चाहिए ।
दोस्त कितना ही भरोसेदार हो
मिलकर ही नहीं, जगकर रहना चाहिए ।
बाहर खड़ा अवश्य ही पहरेदार हो
एक पहर ही नहीं, हर पहर खबरदार रहना चाहिए ।
साथी कितना ही राजदार हो,
हर बात सोचकर – समझकर बताना चाहिए ।
प्रतिनिधि जब सरकार बनाता हो
हर बार गोपनीयता की शपथ लेकर रहना चाहिए ।
हर सरकार को हमेशा ही
जनता से वफादारी के साथ सरोकार होना चाहिए ।
लोग कितना ही अहिंसा का तरफदार हो
सटकर नही, कुछ हटकर रहना चाहिए ।
अच्छे कल के लिए हर किसी को
मिहनत के साथ समझदार होना चाहिए ।
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मौलिक रचना घनश्याम पोद्दार
मुंगेर