Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2024 · 1 min read

“खतरनाक”

“खतरनाक”
दुविधा और सुविधा हद से अधिक होने पर खतरनाक है। अत्यधिक दुविधा निर्णय क्षमता को प्रभावित करती है, जबकि सत्यधिक सुविधा तरक्की में बाधक बन जाती है।

1 Like · 1 Comment · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
"यादों के अवशेष"
Dr. Kishan tandon kranti
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
REVATI RAMAN PANDEY
मानवता
मानवता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
चली ⛈️सावन की डोर➰
चली ⛈️सावन की डोर➰
डॉ० रोहित कौशिक
# महुआ के फूल ......
# महुआ के फूल ......
Chinta netam " मन "
Prastya...💐
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
क़यामत
क़यामत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ताल्लुक अगर हो तो रूह
ताल्लुक अगर हो तो रूह
Vishal babu (vishu)
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
Phool gufran
*मैं भी कवि*
*मैं भी कवि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
भारत वर्ष (शक्ति छन्द)
भारत वर्ष (शक्ति छन्द)
नाथ सोनांचली
परिदृश्य
परिदृश्य
Shyam Sundar Subramanian
जीवन में कम से कम एक ऐसा दोस्त जरूर होना चाहिए ,जिससे गर सप्
जीवन में कम से कम एक ऐसा दोस्त जरूर होना चाहिए ,जिससे गर सप्
ruby kumari
*पाते असली शांति वह ,जिनके मन संतोष (कुंडलिया)*
*पाते असली शांति वह ,जिनके मन संतोष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मायापुर यात्रा की झलक
मायापुर यात्रा की झलक
Pooja Singh
गीत शब्द
गीत शब्द
Suryakant Dwivedi
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
एक समय के बाद
एक समय के बाद
हिमांशु Kulshrestha
बढ़ना होगा
बढ़ना होगा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
2500.पूर्णिका
2500.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वो परिंदा, है कर रहा देखो
वो परिंदा, है कर रहा देखो
Shweta Soni
राजनीती
राजनीती
Bodhisatva kastooriya
कविता
कविता
Rambali Mishra
💐प्रेम कौतुक-245💐
💐प्रेम कौतुक-245💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
माँ सच्ची संवेदना....
माँ सच्ची संवेदना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
मैं और दर्पण
मैं और दर्पण
Seema gupta,Alwar
Loading...