खटाखट नोट छापो तुम
कानून हैं कड़वे, तनिक डर से न कांपो तुम।
मजे से तोड़ कर धारा, हिमालय को भी टापो तुम।
जो करतीं काम सरकारें, उसी में खुद भी लग जाओ।
भगाना है गरीबी जो, खटाखट नोट छापो तुम।।
© नंदलाल सिंह ‘कांतिपति’
कानून हैं कड़वे, तनिक डर से न कांपो तुम।
मजे से तोड़ कर धारा, हिमालय को भी टापो तुम।
जो करतीं काम सरकारें, उसी में खुद भी लग जाओ।
भगाना है गरीबी जो, खटाखट नोट छापो तुम।।
© नंदलाल सिंह ‘कांतिपति’