“क्षणिका”
“क्षणिका”
————————-
हवाओं ने फैलायी,
थी तेरी आने की,
ख़ुशबु ,
इंतज़ार भी किया,
ताउम्र मैंने ,
संदेश हवा का,
बस झूठा निकला
———————-
राजेश”ललित”शर्मा
“क्षणिका”
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हवाओं ने फैलायी,
थी तेरी आने की,
ख़ुशबु ,
इंतज़ार भी किया,
ताउम्र मैंने ,
संदेश हवा का,
बस झूठा निकला
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राजेश”ललित”शर्मा