क्यों कटवा दिया गला मेरा, काफिर के नाम से
ये दोनों जहां के मालिक, मेरा जवाब दे
क्यों काफिर बना दिया मुझे, इसका हिसाब दे
दीन, मां, मादरे वतन , मां के पेट से मिला
जो दे दिया था तुमने, ना थी मुझे गिला
नहीं मानता तुम्हें था, अल्लाह के नाम से
पर मानता तुम्हें ही था, ईश्वर के नाम से
क्यों तुमने हुजूरे आला, इतने नाम रख लिए
इंसान को इंसान से, क्यों दूर कर दिए
क्यों कटवा दिया गला मेरा, काफिर के नाम से
क्यों लड़वा दिया इंसान को, अपने ही नाम से
सुरेश कुमार चतुर्वेदी