क्या हुआ यदि हार गए तुम ,कुछ सपने ही तो टूट गए
क्या हुआ यदि हार गए तुम ,कुछ सपने ही तो टूट गए
कुछ प्रयास कम रह गए,पर अनुभव तुम पा गए
बस एक बाजी तुमने हारी है, क्या सपने देखना भूल गए
हो सकता है काल चक्र का कोई निराला खेल हो
बाजी लंबी होनी हो, किसी बड़े सपने से मेल हो
क्षमता बड़ गई आपकी, अनुभव के साथ हो
करो समर्पण तन मन धन से,तुम सपने के हकदार हो
निराश नहीं होना है, धैर्य नहीं खोना है तुमको
कर्म अपना करते रहो,मंजिल मिल जाएगी तुमको
क्या होगा यदि कुछ ना बन पाए, जीवन में कुछ तो कर ही जाओगे
यदि हार गए जीवन संघर्ष से, कायर तुम कहलाओगे
सपने फिर भी अधूरे होगे, अपनों को बहुत रुलाओगे
जीवन भर की आत्म ग्लानि, जनक – जननी को दे जाओगे
बिना लड़े जीवन अपने से, मिट्टी में मिल जाओगे
लड़ते लड़ते मिलो मिट्टी में, हीरा तुम बन जाओगे।
हारे हुए उठ जाओ फिर से, उद्देश्य बडा बनाओ फिर से
करो समर्पण पूरे मन से, सफल तुम हो जाओगे