क्या से क्या हो गया देखते देखते।
212/212/212/212
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
जो भी था खो गया देखते देखते।1
खौफ से जिसकी जगते थे शामों शहर,
आज वो सो गया देखते देखते।2
प्यार तन मन लुटाया जिसे बेवफ़ा,
और का हो गया देखते देखते।3
राह तकते रहे उसकी चाहत में हम,
वक्त वर्षों गया देखते देखते।4
कोई रहता नहीं ‘प्रेमी’ हरदम यहां,
आया जो, वो गया देखते देखते।5
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी